मधु शंखधर प्रयागराज
विशेष प्रतिनिधि काव्य रँगोली
सभी मित्रों को बसंत पंचमी की अनंत शुभकामनाएं .....🌷🌷🌹🌹
इंद्रधनुष सी हो गई,धरती अब सतरंग।
मनु जीवन में हर्ष है, छाए नवल उमंग।।
धरा करे ऋंगार यूँ,नव दुल्हन सी नार।
पीत पुष्प ऐसे लगे, स्वर्ण सुशोभित हार।
ऋतु बसंत के साथ ही,खुशियाँ आई संग।
इंद्रधनुष सी हो गई.................।।
लाल,गुलाबी पुष्प की, चुनर ओढ़े जात।
पवन बसंती जब चले, लहर- लहर लहरात।
इस जीवन के रंग का,अलग अनोखा ढंग।
इंद्रधनुष सी हो गई.................।।
सात रंग जीवन लगे,प्रियतम के सम प्यार।
प्रकृति का यह रूप ही,होता नव उपहार।
धरा मचलती यूँ दिखे, चढ़ गई जैसे भंग।।
इंद्रधनुष भी हो गई............।।
देव धरा पर आ गए, देखन को त्यौहार।
मातु शारदा दे रहीं,ज्ञान रूप आधार।
खुशियाँ आई द्वार पे, *मधु* जीवन के संग।।
*मधु शंखधर स्वतंत्र*
*प्रयागराज*
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