नाम - अभिजित त्रिपाठी "अभि"
पता -
ग्राम -पूरे प्रेम, पोस्ट - अमेठी, तहसील - अमेठी, जनपद - अमेठी, पिनकोड - 227405
मो.- 7755005597
ईमेल - abhijittripathi749@gmail.com
कविता -
चन्द्र सुंदरी बैठी है, सज-धज कर इंतजार में।
भारतवाले कब देंगे दस्तक, देवों के दरबार में।
भारतवंशियों का प्रण है, चंदा तुझतक आने का।
अपने भूले विक्रम से फिर से सम्पर्क बनाने का।
बचपन से तुझको हम, मामा सदा बुलाए हैं।
प्रियतम के मुखड़े को हरदम, तेरे जैसा गाए हैं।
सिर्फ कथानक की, अंतिम गाथा अवशेष है।
चंदा तक जाने को संकल्पित पूरा देश है।
जो टूटे पंखों से उड़ ले भारत वही परिंदा हैं।
विक्रम से सम्पर्क है टूटा, अभी हौसला जिंदा है।
चंदा की कक्षा में अब भी घूम रहा अपना प्रज्ञान।
आज दिखाया भारत ने दुनिया को अपना विज्ञान।
याद रखो चंदा, हम ना यूं, उदास हो जाएंगे।
धीर धरो हम भारत वाले, फिर से तुझतक आएंगे।
स्वर्गाधिपति को भी अब, जाकर खबर बताना ये।
उनको भी भारत का, तुम संदेश सुनाना ये।
शचीपति कदम हमारे, तुम भी रोक ना पाओगे।
जाकर देखो अपनी छत पर, मेरा तिरंगा पाओगे।
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