पटल के सभी मनीषियों को मेरा नमन
युवा शक्ति को जागृत करने
आया वह तेजस्वी सन्यासी
अपने ओज से जग में छाया
भारत का वो मान बढ़ाया
शिकागो में धर्म ध्वजा फहराया
सनातनी संस्कृति का परचम लहराया
वीरेश्वर से बने नरेंद्र वो
स्वविवेक से विवेकानंद कहलाया
युगपुरुष स्वामी विवेकानंद को समर्पित चंद पंक्तियों के साथ प्रस्तुत है मेरी कविता
🌷 युवा दिवस पर🌹🌹 स्वामी विवेकानंद जी🌹🌹 को सत् सत् नमन🌷
प्रस्तुत है मेरी एक छोटी सी कविता
जग में आगे बढ़ना है तो
हिम्मत हार के मत बैठो
अगर तुम्हें कुछ करना है तो
मन को मार के मत बैठो
जो चलता वह मंजिल पाता
थका हार कर मत बैठो
चलो कदम को आप बढ़ाते
किसी की आस में मत बैठो
पैर तुम्हारे चलने खातिर
पांव पसारे तुम मत बैठो
चलो हवासी महक उड़ाते
कभी भी प्यारे मत बैठो
तुम हो अकेले कभी न सोचो
आजाद परिंदे मत बैठो
जग में आगे बढ़ना है तो
हिम्मत हार के मत बैठो
अगर तुम्हें कुछ करना है तो
मन को मार के मत बैठो
आचार्य गोपाल जी
उर्फ
आजाद अकेला बरबीघा वाले
प्लस टू उच्च विद्यालय बरबीघा शेखपुरा बिहार
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