अंजू अग्रवाल. गुलाबबारी अजमेर.कविता       भ्रूण हत्या.

अंजू अग्रवाल. गुलाबबारी अजमेर.कविता


      भ्रूण हत्या.                                    माँ!कहां थी तुम?
       तब !
  पापा!दर्द नहीं हुआ था क्या? 
      तब ।
  दादी! बुआ! तुम भी तो थी ना..
       वहाँ ।
 सब ने मिलकर मारा था ना मुझे!
      कोख में ! 
क्या वह कोख में बलात्कार नहीं था? 
   नारी थी ना मैं ?
  यही बताया था ना, 
   इशारों इशारों में,
   डॉक्टर आंटी ने, 
 और फिर......                 सच बताना माँ! 
क्या वह कोख में अत्याचार नहीं था?                           और माँ! 
बहुत रोई थी ना तुम 
   उस दिन....        . पढ़कर.. 
  निर्भया का हाल!!!
   हैदराबाद कांड !!!
छह माह की बच्ची से बलात्कार!!                  माँ! मैं तो....                एक दिन की भी नहीं थी,
 तो तुम क्यों नहीं रोई.           जार जार ..उस दिन!
क्यों टेक दिए घुटने!
और ........................उस रक्त से सनी कोख मे
    जन्मा है जो पुत्र 
रक्त के सैलाब में डूबता उतराता
 पाप के रक्त बीज से जन्मा..
   वहशी ही तो बनेगा!!!


*~अंजू अग्रवाल~*


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