अंतरराष्ट्रीय कवयित्री डॉ0 कमलेश शुक्ला कीर्ति कानपुर। गीत--- मेरा भारत महान, मेरा भारत  है  सबसे महान।

अंतरराष्ट्रीय कवयित्री
डॉ0 कमलेश शुक्ला कीर्ति
कानपुर।


गीत--- मेरा भारत महान
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मेरा भारत  है  सबसे महान।
  सभी को रखना है इसका ध्यान।।


कई भाषा  के  लोंग  हैं  रहते।
संविधान का सम्मान हैं करते ।
मिलजुलकर यहाँ सभी हैं रहते
घण्टा बजते अजान भी पढ़ते।
सबका रखते हम यहाँ हैं  मान ।
मेरा  भारत  है  सबसे   महान।


यहाँ पर गंगा  माता हैं बहती
सबके तन को पावन हैं करती।
लगता कुम्भ पर मेला  अपार
सभी वेदों से  मिलता  है  सार।
पर्वत  हैं  औषधियों  की खान।
मेरा  भारत  है  सबसे  महान।


वीर भगत सिंह यहाँ पर जन्मे
आजाद बसे  हैं सबके तन में।
कई  वीरों   की  जन्मभूमि  है
अब्दुल कलाम की कर्मभूमि है।
तिरंगे में बसती  सबकी जान
मेरा  भारत है  सबसे  महान।


यहाँ पर जन्मे वीर परशुराम 
 कण कण में बसते जहाँ हैं राम।
यहाँ सत्य से यमराज भी हारे
करने लगे सावित्री के जयकारे।
ब्रह्मास्त्र जैसे  हैं  तीर  कमान।
मेरा  भारत  है  सबसे  महान।


अंतरराष्ट्रीय कवयित्री
डॉ0 कमलेश शुक्ला कीर्ति
कानपुर।


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