----अपना संविधान ----
----देवेन्द्र कश्यप 'निडर'
अपने भारत का संविधान, सबकी आँखों का तारा है।
चाहे नर हो या नारी हो, हम सबका यही सहारा है।।
अधिकार दिया इसने सबको सबको कर्तव्य बताया है
नित शिक्षित ज्ञानी होने का, सुन्दर मंतव्य सुझाया है।
हर तबके को इंसाफ दिया, शोषक तक इससे हारा है।।
है समता का सन्देश दिया, आजादी का परिवेश दिया।
नित प्रेम मोहब्बत दे करके , सिखलाता भाई चारा है।।
ये मानवता का पोषक है, पर नहीं किसी का शोषक है
भारत की उन्नति खातिर ही इसमें जनहित का नारा है।
हैं शब्द संयमित इसके सब, है जन जन का सम्मान यहाँ
अक्षर अक्षर में स्वाभिमान, ना प्राणी का अपमान यहाँ।
युग सृष्टा कैसे भारत हो, बह रही समर्पित धारा है।।
यह संविधान है बतलाता , वीरों की सुन्दरतम गाथा।
हर अनुच्छेद से होता है , भारत का बस ऊँचा माथा।
उजियारे को फैला करके उन्मूलित अब अँधियारा है।
सबको आगे बढ़ने का ही, अधिकार दिलाता संविधान।
नित दवा मर्ज की बन करके , खुद आगे आता संविधान।
बस देश विरोधी गतिविधियां इसको अब नहीं गँवारा है।।
है सभा संघ भाषण देने का, यह देता अधिकार सदा
आने जाने रहने का भी है अनुसूची में उल्लेख यहाँ
शोषित पीड़ित जनता का , जीवन बहुत सँवारा है।
है लोकतन्त्र का प्रतिनिधि ये अधिकारों का भी रक्षक है।
है मजा चखाता उसको भी, जो हक़ का करता भक्षक है।
यह 'निडर' भाव सबमें भरता, ये दुनिया से भी न्यारा है।
परिचय -
नाम देवेन्द्र कश्यप 'निडर'
सेवारत - बेसिक शिक्षा परिषद सीतापुर
ग्राम अल्लीपुर , पत्रालय कुर्सी तहसील जिला सीतापुर ( उप्र )
चलभाष संख्या 9621575145
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