नाम : अपर्णा शर्मा
"शिव संगीनी"
विधा : कविता
राज्य : अंकलेश्वर,
गुजरात
*अहसास*
तुम अचानक मेरी जिंदगी में
हर दर्द तुमने मेरे दिल का
लगाया अपने गले
अहसास कराया कि तुम मेरे हो
तुम्हारे बिना मैं अधूरी हूँ
जिंदगी ले ले मेरी चाहे
मगर तेरे प्यार में मैं लूटी हूँ
जब भी तुम मेरे साथ रहते हो
उमंगों के हंसी जज्बात तुम भरते हो
तुम्हें मालूम है कि तुम मेरे दिल पर राज करते हो
मेरी नाराजगी भी तुम नजरअंदाज करते हो
क्योंकि तुम भी मुझे प्यार करते हो
अहसास है हम दोनों को
एक दूसरे के बिना हम रह नहीं सकते
तुम आए अचानक मेरी जिंदगी में
हर दर्द तुमने मेरे दिल का
लगाया अपने गले
तुम आए मेरी जिंदगी में।
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