अतिवीर जैन
'पराग',मेरठ
9456966722
बेटियां :-
बेटियां मेरे आँगन में जो आई,
खुशियाँ अनेकों अपार है लाई.
बेटियां होने पर दुख जो जताते,
ज़माने से करते है वे बेवफ़ाई.
घर में चिड़ियों सी चहचहाती है बेटियां,
त्योहारों की रीत निभाती है बेटियां.
कभी हँसती कभी
रुठ जाती है बेटियां,
नीम सी जल्दी बढ़ जाती है बेटियां.
बेटियां होती है माँ
बाप की परछाई,
यूँ तो होती है ये हरजाई.
दो दो कुलों की लाज निभाती है बेटियां,
माँ बाप को रूलाकर विदा हो जाती है बेटियां.
स्वरचित,अतिवीर जैन
'पराग 'मेरठ
9456966722
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