अतिवीर जैन पराग मेरठ
दूसरी माँ :- (जन्मभूमि )
पहली माँ जन्मदात्रि है,
दूसरी माँ जन्मभूमि है.
पहली माँ दुध पिलाती,
लालन पोषण करती है.
दूसरी माँ के अन्न जल से ही
हमें जवानी चढ़ती है.
जन्मदात्री के दुध का
कर्ज मुझे चुकाना है,
जन्मभूमि की रक्षा हेतु
सीमा पर मुझे जाना है.
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