भूपसिंह 'भारती' बालिका दिवस बेटी तो परिवार की,  असली है  पहचान।

भूपसिंह 'भारती' बालिका दिवस


बेटी तो परिवार की,  असली है  पहचान।
बेटी से  संसार की,  बने   निराली   शान।
बने निराली शान,  मान ये सबका करती।
अधरों पर मुस्कान,  सदा ये अपने धरती।
कहे  भारती  देख,  हमारी  आफत  मेटी।
आन बान अर शान,  बनी है  म्हारी  बेटी।


                  - भूपसिंह 'भारती'


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...