नाम:- बिहारी अविनाश तिवारी
ग्राम:- चकनिया
पोस्ट :-बेदिबन मधुबन
थाना:-पीपरा
जिला :-पूर्वी चंपारण
"अब विचारधारा"
नाव खुद के सुधार की,
डूब गई
स्वार्थ के मझधार में।
नसीहत सभी दे रहे हैं,
दूसरों के सुधार में।।
हो रहा है बदलाव
लोगों के विचार में।
कभी पैसों के आड़ में,
कभी स्वार्थ भड़ी
प्यार मे।
नाव खुद के सुधार की,
डूब गई
स्वार्थ के मझधार में।
नसीहत सभी दे रहे हैं,
दूसरों के सुधार में।।
उड़ रही मानवता
हवा में कुछ ऐसे ,
पड़ती सब पर
झर जाती,
धूलकण जैसे।
हो रहा बदलाव सभ्यता और संस्कार में
कभी अच्छों के
इंतजार में,
कभी दिखावे के
व्यवहार में।
नाव खुद के सुधार की,
डूब गई
स्वार्थ के मझधार में।
नसीहत सभी दे रहे हैं,
दूसरों के सुधार में।।
कोई नहीं चाहता बैठूं,
मानवता के
विमान में,
सब जल रहे है झूठी,
शान और अभिमान में।
तरीके भी बदल गए,
आदर और सत्कार के
नाव खुद के सुधार की,
डूब गई
स्वार्थ के मझधार में।
नसीहत सभी दे रहे हैं,
दूसरों के सुधार में।।
अविनाश कुमार
तिवारी
(बिहारी)✍
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