परिचय
डा जियाउर रहमान जाफरी
.हिन्दी से एम ए, बीएड, पीएचडी, पत्रकारिता
.खुले दरीचे की खुशबू, खुशबू छू कर आई है, हिन्दी ग़ज़ल का विकास, परवीन शाकिर की शायरी. चाँद हमारी मुट्ठी में है,.. आदि कुल दस हिन्दी पुस्तकें प्रकाशित
.हिन्दी, उर्दू और मैथिली की पत्र पत्रिकाओं में नियमित लेखन
.बिहार सरकार का आपदा प्रबंधन पुरस्कार
सम्पर्क... उच्च विद्यालय माफ़ी, 10+2
नालंदा बिहार 9934847941
4.करता हूं
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न जाने कौन सा रस्ता तलाश करता हूं
कि अब तो मैं भी तुम्हीं सा तलाश करता हूं
हमारे जिस्म के हिस्से में गर गया था जो
मैं आज तक वही शीशा तलाश करता हूं
वो इक शख्स जिसे देखने की चाहत थी
मैं दरबदर वही चेहरा तलाश करता हूं
बड़े बड़ों की हमें कुतबतें जो भाती है
मैं साथ रहके सलीका तलाश करता हूं
ये लोग हाथ को काला कभी नहीं करते
मैं कोयले से भी हीरा तलाश करता हूं
तुम्हारे शह्र में जीता हूं मौत की ही तरह
हवा है गर्म दरीचा तलाश करता हूं
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