डा० भारती वर्मा बौड़ाई
देहरादून, उत्तराखंड
भक्ति
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काम सब तेरे दिए हैं
पूर्ण उनको कर रही,
अलग से भक्ति करूँ
कैसे यह सोच रही।
सृष्टि तेरी ही रचित है
मैं उसका ही एक अंग,
एक दूजे में निहित हैं
हर समय का है संग।
भावपूरित हृदय मेरा
भाव ही मेरे हैं चंदन,
कर्म ही भक्ति है मेरी
कर्म ही मेरा है वंदन।
हो हँसी हर अधर पर
बस यही सपना धार,
जीवन है चार दिन का
रह न जाये निराधार।
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डा० भारती वर्मा बौड़ाई
देहरादून, उत्तराखंड
9759252537
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