देवानंद साहा देश  प्रेम  की  भावना  बढ़ाए   चलिए।

.................देश प्रेम......................


देश  प्रेम  की  भावना  बढ़ाए   चलिए।
अपने  देश  को  आगे  बढ़ाए  चलिए।।


देश हम से है कम,देश से  अधिक हम;
देश से अपनी पहचान  बताए चलिए।।


देश की मिट्टी में जन्मे,बढ़े,मिल जाएंगे;
इस मिट्टी से वफादारी निभाए चलिए।।


हमें शत्रु से ज्यादा,जयचंदों से है चिंता;
जयचंदों को सही  पाठ पढ़ाए चलिए।।


किसी  का पिछलग्गू  न बना,न बनेगा ;
आकाओंके सही जगह बताए चलिए।।


"जियो और जीने दो"को मानते हैं हम ;
जो नहीं माने उसे हस्र दिखाए चलिए।।


इस देश की मिट्टी के मुरीद हैं"आनंद" ;
देश के लिए अपने सर कटाए चलिए।।


------- देवानंद साहा"आनंद अमरपुरी"


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