नाम- डॉ राजीव कुमार पाण्डेय
माता का नाम- श्रीमती उमादेवी पाण्डेय
पिता का नाम- स्व.श्री ब्रह्मानन्द पाण्डेय
जन्म तिथि - 05-10-1970
जन्मस्थान- ग्राम व पोस्ट -दरवाह,जनपद-मैनपुरी
शिक्षा- एम.ए. (अंग्रेजी,हिन्दी) बी.एड., पी-एच.डी.
लेखन विधा- गीत, ग़ज़ल,मुक्तक,व्यंग्य,छंद,हाइकु, लेख,
कहानी,उपन्यास,ब्लॉग,इंटरव्यू,समीक्षा आदि
प्रकाशित कृतियां-
आखिरी मुस्कान (सामाजिक उपन्यास)
बाँहों में आकाश ( सामाजिक उपन्यास)
मन की पाँखें (हाइकु संग्रह)
सम्पादित कृतियां-
शब्दाजंलि(अखिल भारतीय काव्य संकलन)
काव्यांजलि(माँ गंगा को समर्पित काव्य संग्रह)
सहयोगी संकलन-
मैनपुरी के साहित्य कार(सन्दर्भ ग्रन्थ)
अमर साधना( काव्य संकलन)
काव्य विविधा भाग 1( काव्य संकलन)
पीयूष(काव्य संकलन)
स्वागत नई सदी( अखिल भारतीय काव्य संकलन)
कुछ ऐसा हो( हाइकु संग्रह)
सदी के प्रथम दशक का हाइकु काव्य(हाइकु सन्दर्भ ग्रन्थ)
हाइकु विश्वकोश(हाइकु विश्व कोश सन्दर्भ ग्रन्थ)
सच बोलते शब्द(हाइकु संग्रह)
गा रहे हैं सगुन पंक्षी(काव्य संग्रह)
भारतीय साहित्यकार (हिन्दी साहित्य कोश,सन्दर्भ ग्रन्थ)
प्रयास ( हाइकु संग्रह)
आलेख समीक्षा-
* इदम इन्द्राय
*डॉ मित्र साहित्य अमृतम
*डॉ मिथिलेश दीक्षित का हाइकु संसार आदि
महत्वपूर्ण ग्रन्थों में प्रकाशित
*कई महत्वपूर्ण ग्रन्थों की समीक्षा समय समय
पर पत्रिकाओं एवं वेवसाईट पर प्रकाशित
अन्य-
* यू के से प्रकाशित अंग्रजी लेखिका द्वारा रचित सुन्दर
काण्ड में सहयोग
* लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज मीडिया
डायरेक्टरी मीडिया कोश में सम्मलित
*आकाशवाणी एवं अन्य काव्य,भाषण आदि
प्रतियोगिताओं में निर्णायक,मुख्य अतिथि आदि की
भूमिका
उपसम्पादक-हरियाली दर्शन (मासिक)
* देश की प्रमुख पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित
*आकाशवाणी,एवं चैनल्स पर रचनाएँ प्रसारित
*यू ट्यूबपर चैनल
* कई वेबसाईट्स पर अनेकों रचनाएँ,समीक्षा
प्रकाशित
सामाजिक गतिविधियां
*विभाग संयोजक-संस्कार भारती ,गाजियाबाद
*राष्ट्रीय अध्यक्ष-काव्यकुल संस्थान (पंजीकृत)
*जिला कोषाध्यक्ष-उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद गाजियाबाद
*जिला कार्यकारिणी सदस्य-उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक
संघ गाजियाबाद
*सम्मान एवं उपाधियां-
1 अवधेश चन्द्र बाल कवि सम्मान (मैनपुरी)
2- प्रमुख हिन्दी सेवी सम्मान (गाजियाबाद)
3- मैथिली शरण गुप्त सम्मान(मथुरा)
4- ब्रजरत्न सम्मान (मथुरा)
5- साहित्य कार सम्मान ( मैनपुरी)
6- पत्रकार शिरोमणि सम्मान(मैनपुरी)
7- पत्रकारिता सम्मान( आज कार्यालय मैनपुरी)
8- दुष्यंत कुमार स्मृति सम्मान(राष्ट्र भाषा स्वाभिमान न्यास भारत गाजियाबाद)
9- डॉ भीमराव आंबेडकर नेशनल फेलोशिप सम्मान(दलित साहित्य अकादमी नई दिल्ली)
10-हाइकु मञ्जूषा रत्न सम्मान(छत्तीसगढ़)
11- सर्व भाषा सम्मान 2018(सर्व भाषा ट्रस्ट नई दिल्ली)
12- संस्कार भारती गाजियाबाद द्वारा सम्मानित
13-डॉ सत्य भूषण वर्मा सम्मान( के बी हिंदी साहित्य समिति बदायूँ)
14-नेपाल भारत साहित्य रत्न सम्मान(नेपाल भारत साहित्य महोत्सव, बीरगंज नेपाल)
15-नेपाल भारत साहित्य सेतु सम्मान(नेपाल भारत साहित्य महोत्सव, नेपाल)
16-हैटोडा साहित्यिक सम्मान सम्मान( हैटोडा अकादमी हैटोंडा,नेपाल)
17-क्रांतिधरा अंतर्राष्ट्रीय साहित्य साधक सम्मान (2019) मेरठ
18-भगीरथ सम्मान (संस्कार भारती गाजियाबाद)
19-डॉ हेडगेवार सम्मान (गाजियाबाद)
20-राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान (अखिल भारतीय चिंतन साहित्य परिषद मैनपुरी)
21-अटल शब्द शिल्पी सम्मान 2018(काव्यकुल संस्थान पंजी.) गाजियाबाद
22-श्री लक्ष्मी हरिभाऊ वाकणकर साहित्य सम्मान2019
23एक्सीलेंस इन टीचिंग एन्ड लर्निंग एवार्ड 2019 गाज़ियाबाद
24-सारस्वत सम्मान(बरेली)2019
25-काव्य गौरव सम्मान 2020(दिल्ली)
आदि अनेकों सम्मान एवं प्रशस्ति पत्र
*सह सम्पादक -हरियाली दर्शन (मासिक)
*सम्प्रति- प्रधानाचार्य
किसान आदर्श हायर सेकेंडरी स्कूल शाहपुर बम्हैटा गाजियाबाद
पता- 1323/भूतल सेक्टर 2 वेवसिटी गाजियाबाद
मोबाइल -9990650570
ईमेल -dr.rajeevpandey@yahoo.com
पाया हिन्दी ने विस्तार
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अरुणोदय से अस्ताचल तक, झंकृत हैं वीणा के तार।
पाया हिंदी ने विस्तार।
साखी सबद रमैनी सीखी,
सूरदास के पद गाये।
जिव्हा पर मानस चौपाई,
मीरा के भजन सुनाये।
कामायनि के अमर प्रणेता,आँखों मेआँसू की धार।
पाया हिन्दी ने विस्तार।
रासो गाये चंदवर दायी,
नहीं चूकना तुम चौहान।
थाल सजाकरचला पूजने,
श्यामनारायण का आव्हान।
खूब लड़ी मरदानीवाली,लक्ष्मीबाई की तलवार।
पाया हिन्दी ने विस्तार।
नीर भरी दुख की बदली में,
नीहार नीरजा बातें।
तेज अलौकिक दिनकर से,
महकी उर्वशी की रातें।
जौहर के हित खड़ी हुई है,देखो पद्मावति तैयार।
पाया हिंदी ने विस्तार।
राम कीशक्ति कहेंनिराला,
इब्राहीम रसखान हुआ।
सतसई है गागर में सागर,
डुबकी मार सुजान हुआ।
देख दशा करुणाकर रोये,सुनी सुदामा करुण पुकार।
पाया हिंदी ने विस्तार।
मृग नयनी के नयन लजीले,
नगर वधू वैशाली से।
प्रिय प्रवास से राधा नाची,
दिए उलाहने आली से।
फ़टी पुरानी धोती में भी,धनिया के सोलह श्रृंगार।
पाया हिन्दी ने विस्तार।
© डॉ राजीव पाण्डेय
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