एस के कपूर श्री* *हंस।।।।।।।बरेली रिश्ते

*।।।।।।।।। विषय।।।।।।।।।।*
*रिश्ते।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।*
*।।।।।।।।।।।मुक्तक।।।।।।।।*


टुकड़ों   टुकड़ों  में न बंटे,
देश ,समाज ,हर घर।


रिश्ते नाते न  भटकें कभी,
इस  दर  , उस  दर।।


सबके  भीतर   जागृत  हो,
संवेदनायों की अलख।


मैं  बस   तेरी   बात    करूँ,
तू  मेरी     बात    कर।।


*रचयिता।।।एस के कपूर श्री*
*हंस।।।।।।।बरेली।।।।।।।।।*
मोब   9897071046  ।।।
8218685464   ।।।।।।।।


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