*चमक नहीं रोशनी चाहिये।।।*
*।।।।।।।।।।।मुक्तक।।।।।।।।*
वही अपनी संस्कार संस्कृति
यहाँ पुनः बुलाईये।
वही स्नेह प्रेम की भावना फिर
यहाँ लेकर आईये।।
हो उसी आदर आशीर्वाद का
यहाँ बोल बाला।
हमें चमक ही चमक नहीं
यहाँ रोशनी चाहिये।।
*रचयिता।।।एस के कपूर श्री हंस*
*बरेली।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।*
मोब 9897071046।।।।।।।।
8218685464।।।।।।।।।।।।।।
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