एस के कपूर वंदना माँ शारदे की

*वंदना माँ शारदे की।।।।।।।*


हे माँ शारदे,माँ हंस वाहिनी,
आये तेरी शरण को,
ऐसा कल्याण कर ,
हम सब को  तार दे।


तू ही माँ सरस्वती, है
बुद्धि प्रदायिनी, आये
तेरे द्वार को, सबको
ज्ञान का  प्रकाश दे।


तू ही जग तारिणी, दया
प्रेम की देवी,
महिमा अपार तेरी,
इस भव सागर के पार दे।


हे माँ वागेश्वरी, जगत पालिनी,
कमल विराजित,
कष्ट हमारा हार दे,
अपने आशीष का उपहार दे।


श्वेत वस्त्र धारण,
पुस्तकें ही तेरे कारण,
आये तेरे वंदन को,
अंतर्मन को तू झंकार दे।


हे माँ मधुर भाषिणी,
हे वीणा वादिनी,ह्रदय
के अंधकार को ,सूर्य
का आकाश दे,प्रकाश दे।


हे माँ भुवनेश्वरी, तेज़
तेरा अनंत अपार,
तुझसे ही आलोकित संसार,
हर बाधा से उद्धार दे।


तेरा शीश वंदन करता हूँ,
पूजा तेरी नित करता हूँ,
हे मातेश्वरी ,बस
सर पर   हाथ वार दे।
*बस यही एक उपकार दे।।*
*बस यही एक उपकार दे।।*


*रचयिता,,,, एस के कपूर" श्री हंस"*
*बरेली*


मोबाइल            9897071046
                        8218685464


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...