जूठी रोटी ही मौला उस भूखे को अता कर देते।
मजलूम ये ना समझ है उसे मौत बता कर देते।।
जूठी रोटी ही मौला उस भूखे को अता कर देते।।।
बांटते खुशी और गम बराबर दुनिया भर में तुम।
एक निवाला बस मोहब्बत थोड़ी जता कर देते।।
जूठी रोटी ही मौला उस भूखे को अता कर देते।।।
परोस देते जरा तुम माँ बन कर किस्मत भी मेरी।
रोटियां दो देकर थाल में तुम भी खता कर देते।।
जूठी रोटी ही मौला उस भूखे को अता कर देते ।।।
कुछ तो उसके भी हुनर हाथ में बोलता होगा ।
कुछ तो उसको भी दुनिया भर से हटा कर देते।।
जूठी रोटी ही मौला उस भूखे को अता कर देते ।।।
दौलत-शोहरत ना भी दी तो कोई बात ना होती।
सर पर आंचल तो मेरे कम से कम लता कर देते ।।
जूठी रोटी ही मौला उस भूखे को अता कर देते ।।।
*Priya singh*
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