गनेश रॉय "रावण"🖋 भगवानपाली,मस्तूरी, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ "फरेब"

 


गनेश रॉय "रावण"🖋
भगवानपाली,मस्तूरी, बिलासपुर, छत्तीसगढ़


"फरेब"
"""""""""'
मत देखो मेरे अतीत के पन्ने
तुझे पलट कर क्या मिलेगा
कल जैसा था....
आज वैसा हूँ नही
आज जैसा हूँ....
वैसा कल था ही नही
वक़्त ने मुझे सीखा दिया फरेब करना
वरना मैं भी कल इंसान था....
कोई भेड़िया नही
अपने और परायो में फर्क था नही....
सब को अपना समझता था
पर कोई अपना था ही नही
आज अपनो ही ने मुझे लुटा है
इसलिए परायो पर विश्वास नही
सब कहते हैं मुझे...
कितना मतलबी ये इंसान है
खुद की खुदगर्जी करता है
और किसी इंसान पर....
क्यो इनको भरोसा नही
कैसे समझाऊँ इन लोगो को
किसी इंसान ने ही किसी इंसान ने छला है
अच्छा है .........
ये काम किसी शैतान का नही।।


🖋गनेश रॉय "रावण"🖋
भगवानपाली,मस्तूरी, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
9772727002
©®


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...