हमीद कानपुरी विषय - एकता विधा- दोहा बात  एकता  की  करें

हमीद कानपुरी
विषय - एकता
विधा- दोहा


बात  एकता  की  करें , बोते  पर बिखराव।
पल पल बढ़ता जा रहा , हर सू यूँ टकराव।


सिर्फ सियासत के सबब,नफरत वाले भाव।
जनता  कब है चाहती , आपस  में टकराव।


हमीद कानपुरी


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