नाम : हेमंती शिव
कुमार शर्मा
विधा : कविता
शीर्षक : जिंदगी
राज्य : अंकलेश्वर,
गुजरात
दिनांक: 21/01/2020
*जिंदगी*
जिंदगी मिली है एकबार
इसलिए सोच समझकर
कदम रखती हूँ
जीवन की राह भी मैं खुद चुनती हूँ
जो मैं हर बार देखती हूँ
उसे पूरा करने की कोशिश करती हूँ
जिंदगी को चलाने के लिए
साथ रहना पड़ता है
चोट लगे तो दर्द भी सहती हूँ
कुछ कमी हो जिंदगी में
ना चैन आता है
ना कोई ख्वाबों में बुलाता है
यही तो गम मुझे सताता है
जिंदगी मिली है एकबार
इसको कयों ना हंस के गुजारे
बंधन तोड़ दो बंधनो के
राहे बुलाती हैं और जीने को
कदम रखती हूँ
बहुत सोच समझकर
जिंदगी मिलती है एकबार
इसलिए सोच समझकर कदम रखें।
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