नवयौवना ने बासंती यौवन की आज ली अंगड़ाई है
अलौकिक आनंद अनोखी छटा बसंत ऋतु आयी है
चंचल पुरवा,नवल मधुमास ऋतुयों की ऋतु कुसुमायी है।
स्वर्ण धरा का सफल समागम गौरी ने पायलिया खनकायी है।
आज बसंत पंचमी की खनक, चारों और फूलों की प्यारी सी महक, धरती के इस सौलह श्रृंगार की दमक के साथ आप सभी को आज के दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं ,ढेर ढेर सारी बधाई।, इसी शुभकामना के साथ हैप्पी पीले चावल
नमस्ते जयपुर से-- डॉ निशा माथुर🙏😃
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