कालिका प्रसाद सेमवाल रूद्रप्रयाग उत्तराखंड
मां शारदे वन्दना
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मां शारदे
तुम्हारी वंदना कैसे करूं
मां तुम्हारी अर्चना कैसे करूं
सभी शब्दों में समाहित तुम्हीं हो
सभी रागों की प्रतिध्वनित तुम ही हो
सभी देवों कि बुद्धि विवेक दाता तुम्हीं हो ।
मां शारदे
तुम सत्य के आधार हो
मां तुम्हीं ज्ञान दायिनी हो
तुम्ही विघा की भण्डार हो
मां तुम्हीं विवेक और सौन्दर्य का आकार हो
मां शारद
तुम दिव्य स्वरूपा हो
मां तुम्हारी मूर्त्ति को कैसे गढूं मैं
मां मुझे विघा विनय का दान दें
मुझ अज्ञानी का कल्याण कर
मां मुझे वरदान दे, मां मुझे वरदान दे।
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