कालिका प्रसाद सेमवाल रूद्रप्रयाग उत्तराखंड बसन्त स्वागत है तुम्हारा

कालिका प्रसाद सेमवाल
रूद्रप्रयाग उत्तराखंड


बसन्त स्वागत है तुम्हारा
******************


*हे बसन्त तुम ऋतुओं में ऋतुराज हो*
*खग, नभ, और धरा*
*हम सब तेरी प्रतिक्षा कर रहे हैं*
*स्वागत है ऋतुराज वसंत तुम्हारा*


*हे ऋतुराज वसंत*
*निरस धरा और हताश जीवों में*
*करते हो तुम खुशियों का संचार*
*आओ ऋतुराज वसंत आओ*


*कोयल गान सुनाने को आतुर*
*आम, सरसों और पलाश*
*अपनी कलियों को बुलाने को व्याकुल*
*आओ ऋतुराज बसंत आओ*



*हे ऋतुराज वसंत*
*तुम को सब वन्दन करते है*
*तेरे आगमन की राह देखते है*
*आओ ऋतुराज वसंत आओ*
****************
*कालिका प्रसाद सेमवाल*
*रूद्रप्रयाग उत्तराखंड*


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...