कालिका प्रसाद सेमवाल
रूद्रप्रयाग उत्तराखंड
बसन्त स्वागत है तुम्हारा
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*हे बसन्त तुम ऋतुओं में ऋतुराज हो*
*खग, नभ, और धरा*
*हम सब तेरी प्रतिक्षा कर रहे हैं*
*स्वागत है ऋतुराज वसंत तुम्हारा*
*हे ऋतुराज वसंत*
*निरस धरा और हताश जीवों में*
*करते हो तुम खुशियों का संचार*
*आओ ऋतुराज वसंत आओ*
*कोयल गान सुनाने को आतुर*
*आम, सरसों और पलाश*
*अपनी कलियों को बुलाने को व्याकुल*
*आओ ऋतुराज बसंत आओ*
*हे ऋतुराज वसंत*
*तुम को सब वन्दन करते है*
*तेरे आगमन की राह देखते है*
*आओ ऋतुराज वसंत आओ*
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*कालिका प्रसाद सेमवाल*
*रूद्रप्रयाग उत्तराखंड*
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