डॉ0सूर्य नारायण शूर
अधिवक्ता हाई कोर्ट (प्रयागराज)
(लेखक गीतकार ,मोबाईल नंबर 9452816164)
।। कर दो इतना उपकार प्रिये ।।
अभिवादन लो स्वीकार प्रिये ।
है प्रेम का यह आधार प्रिये।
अभिवाद लो ।।।।1
इस नये वर्ष की बेला में ।
जीवन के तंग झमेला में ।
कर दो इतना उपकार प्रिये ।।
अभिवाद लो ।।।।2
उत्तर। दक्षिण पूरब पश्चिम ।
तुम खुब बरसे मुझपर रिमझिम।
तन मन भीगा इस बार प्रिये ।।
अभिवादन लो।।।।3
तुम मिले हो जब से जीवन में ।
तब से न निराशा है मन में ।
आशा का तुम हो द्वार प्रिये ।।
अभिवादन लो ।।।।
सूर्य नारायण शूर
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