नाम खेम सिंह चौहान "स्वर्ण"
पता - महर्षि गौतम नगर धोलासर, फलोदी,जोधपुर,राजस्थान
नॉकरी तू हसीन है
ए नॉकरी तू बड़ी हसीन है
तेरी चाह हर किसी को है
तुझे पाने के लिए हम
दिन रात विलीन कर देते हैं
तू बड़ी चंचल है
हर किसी को तो तू
मिल नहीं पाती है
तेरा जो राज़ जान ले
बड़ा उल्लसित होता है
तेरे पास आने वाले को
काली रातें डराती है
जाके कह दो उन रातों को
हम ऐसे ही नहीं हारने वाले हैं
जब ठान लिया इरादा सबने
झकझोर कर रख देंगे खुद को
अगर किसी को नसीब नहीं होती
तो व्यर्थ में नहीं कोई जीता है
तुझे चाहने के लिए
दर दर भटकते रहते हैं
ए नॉकरी तू बड़ी हसीन है
तुझे ढूंढते रहते है 😍
जब फेंक दिया आग में खुद को
फिर डरने का क्या फायदा है
अगर पड़ गए केसरी के जाल में
प्रयास नहीं छोड़ना है
अपनी मनीषा की चपलता से
सिंह को भगा सकते हैं
ए नॉकरी सुन ले आज
तुझसे प्यार हो गया है
अगर नॉकाओं में फंस गए तो
डरकर भी नहीं बचना है
अपनी कोशिश तक तेरी नॉकाओं को
चीरकर रख देंगे हम
तेरे उर में आने के लिए
खुद को झकझोर देंगे हम
ए नॉकरी तू बड़ी हसीन है
अब तो हाथ मिला दे आ
तेरे बिना कुछ निराश जन
शरीर तक दे जाते है
इस भयंकर रूप की है तू
फिर क्यों इतराती रहती है
तेरे लिए हम सब अपने
अपनों को भूल जाते हैं
सर्दी गर्मी और वर्षा एक कर देते हैं
ऐ नॉकरी अब अगर नहीं मिली
तो सुन ले
हम भी क्रांति ला देंगे
इधर उधर भटकने पर भी
नहीं कोई चाहेगा तुझे
ए नॉकरी तू बड़ी हसीन है
तुझे पाने की हर किसी को
चाहत बड़ी होती है ।
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