कुमार कारनिक
(छाल, रायगढ़, छग)
सुबह सबेरे
"""""""""""""""""""
मनहरण घनाक्षरी
*जय हो*
~~~~~~~~~
जय हो भारत देश,
यहां भिन्न परिवेश,
सीमा पर है प्रहरी,
हौसला बढ़ाएंगे।
चौकस है हरपल,
सैनिक है वीरबल,
तभी तो सुरक्षित है,
सम्मान बढ़ाएंगे।
🏵🇮🇳
बरसात हो या सर्दी,
खड़े सीना तान वर्दी,
तेज इनके नजर,
बच नहीं पाएंगे।
🔅🇮🇳
करें उनको वंदन,
वीरों का अभिनंदन,
बचाते देश के लाज,
हिम्मत बढ़ाएंगे।
कुमार🙏🏼कारनिक
(छाल, रायगढ़, छग)
*******
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें