लघुकथा

[1/14, 1:43 PM] कवि संतोष अग्रवाल" सागर"
साली चौका मध्य प्रदेश: निकम्मी औलाद की दवा


 लघु कथा
 आज 50 पार  की पीढ़ी को जायदा समझदार रहने की जरूरत है यह कथा  वरिष्ठ नागरिकों को जरूर सुनाएं मेरे एक दोस्त के मां बाप सीधे-साधे इंसान थे दोस्त  माता पिता की अकेली संतान था  विवाह हो चुका था उसके दो बच्चे थे अचानक मां चल बसी एक दिन मेरा दोस्त चाचा जी से कहता है पिताजी आप गैरेज में  अपना सामान रख ले क्योंकि तुम्हारी वजह से तुम्हारी बहू को परेशानी होती है और तुम्हारे सामने उसे  साड़ी   पहन क र काम  करना मुश्किल होता है चाचा जी बिना बताए गैरेज मैं  रहने लगते हैं 15 दिन बाद बेटे को बुलाकर 10 दिन का घूमने फिरनी की टिकट और रुपए पैसे  देते हैं और बोलते हैं सभी को  घुमा ला सभी का मन अच्छा हो जाएगा lपुत्र के जाने के बाद चाचा जी  ने 8 करोड़ का घर आधी कीमत में दे दिया अपने लिए एक अच्छा फ्लैट लियाl  बेटे का सब सामान एक दूसरा फ्लैट किराए प र ले कर उसमें  रख दियाl  जब पुत्र वापस आया तो मकान पर एक चौकीदार  देखा उसने बताया की यह मकान तो बिक चुका हैl  जब  चौकीदार ने पुराने मालिक से फोन पर बात कराएं चाचा जी ने वही रुकने को बोलाl  चाचा जी ने पुत्र को किराए वाले फ्लैट की चाबी देते हुए कहा की यह रही तेरे  घर की चाबी 1 साल का किराया मैंने दे दिया अब तेरी जैसी इच्छा हो वैसे अपनी बीवी को रख चाचा जी चले गए पुत्र देख ता  रह गयाl


 संतोष अग्रवाल "सागर" साले चौका रोड मध्य प्रदेश✍
[1/14, 1:43 PM] कवि संतोष अग्रवाल" सागर"
साली चौका मध्य प्रदेश: आवाज तो उठनी चाहिए
 लघु कथा
  नगर की सड़क पर मॉर्निंग वॉक के समय एक व्यक्ति रोड पर कांटे बिखेर रहा था  मैंने साथियों से कहां हमें उसको रोकना चाहिए सब विरोध करने लगे कुछ दिन बाद एक व्यक्ति रोड पर कांच के टुकड़े बिखेर रहा था इस बार हिम्मत जुटाकर मैंने उसका विरोध किया वह बोलने लगा  तुम्हें क्या करना कोई कुछ करें कोई कुछ नहीं बोलता  तुम आए बड़े भगत सिंह  बन कर मैंने जोरदार आवाज मैं बोला कोई कुछ नहीं बोलता तो तुम गलत काम करोगे यहां छोटे बच्चे बुजुर्ग घूमते हैं किसी के   पैर मैं कांच लग जाएगा वह कांच उठाकर मुझे उल्टा सीधा बोलने लगा तब वहां  बहुत लोग जमा हो गए उसे   चिल्लाने मारने लगे मौका पाकर वह वहां से भाग निकला उस दिन से मैंने मन बना लिया  अगर मैं गैर कानून असामाजिक अनैतिक  काम देखूंगा तो साहस के साथ उसका प्रतिकार करूंगा
 संतोष अग्रवाल "सागर"
साली चौका रोड जिला नरसिंहपुर मध्य प्रदेश मेन मार्केट✍


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...