लघुकथाः महंगाईःमहेश राजा:
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मैनें दूधवाले से पूछा-"क्यों भैया,ये ससुरी महंँगाई इतनी बढ़ी चली जा रही है,लेकिन आपने अपने दूध की कीमते अब तक नहीं बढ़ायी?
दूधवाला भ ईया हंसा,-"आपको हमारे
दूध मे कोई फरक नजर आया क्या?
वैसा ही दे रहे है बरसों से।हमे जनता का बडा ध्यान रहता है साहब जी ।
बेचारे वैसे ही महंगाई के बोझ तले दबे जा रहे है।इसलिये हम ऐसा करते है कि दूध मे थोडा सस्ता वाला दूध पावडर और साफ पानी मिला देते है।"
*महेश राजा* महासमुंद।।
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