मधु शंखधर 'स्वतंत्र'*
*प्रयागराज*
मधु के मधुमय मुक्तक*
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◆कर्तव्यों से ही मिले, सदा नई पहचान।
कठिन डगर पर साथ दे, मनु जन बने महान।
कर्म करो फल छोड़कर, जानो सब यह बात,
श्रेष्ठ सदा कर्तव्य है, देता है वरदान।।
◆कर्म दिखाए पथ नया, जो जन समझे ज्ञान।
कर्म पथिक को ही मिले, जीवन का सम्मान।।
जो जन बैठे भाग पर,वो जन कोसे भाग,
कर्म करे कर्तव्य सा, वो ही बने महान।।
◆बाधा जीवन में मिले,कर्तव्यों के साथ।
जो जन बस कर्तव्य में, मिले सफलता हाथ।
जब मनु जीवन है मिला, कर्तव्यों की ठान,
मधु कहती कर्तव्य के, साथ बसे हैं नाथ।।
*मधु शंखधर 'स्वतंत्र'*
*प्रयागराज*
🌹🌹 *सुप्रभातम्*🌹🌹
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