मकर विहु पोंगल की शुभकामनाये नन्दलाल मणि त्रिपाठी (पीताम्बर ) सम्पादक काव्य रंगोली

बदली है करवट धरा ने मौसम ने ली है  अंगडाई ठंढक ठिठुरन से हांफते  काँपते जीवन ने है राहत पाई !!दक्षिण से उत्तर सूर्य ने खुशियों की राह दिखाई  संवृद्धि किसान के घर खुशियों की सौगात है लाई !!गन्ने की मिठास गूढ़ शक्कर गावों की खुशहाली गिद्दा भांगडा पंजाब लोहडी है आई !!बृषभ पूजा केले के पत्तों पर स्वेत तंदुल खट्टा मीठा मेहनत का स्वाद कन्नड़ तमिल तेलगु मलयालम का पोंगल त्यौहार हिंदी हिंदुस्तान की शान !!प्रतिदिन पूरब का शुभ सूर्य कर्म परिणाम की संध्या और आराम विराम का ख्वाब सपनो का सौदागर दिनकर दिवाकर का पुनः नव प्रभात !!लोहित की  कलरव करती धाराओं के धरातल से लालिमा सूर्य की जीवन में प्रवाहित रक्त संचार का व्यवहार   !!पूर्वोत्तर  का सूरज मानव मानवता का उमंग उल्लास विहु  विश्वाश !!विविध धर्म सांस्कृतियों का भारत प्यारा देश हमारा मौसम ऋतुएँ पर्वत मालाएं सागर झील हर परिवेश प्रकृति यहां बसाएं !!पृथ्वी का स्वर्ग यहाँ देव भी आते कही कुम्भ अमर अमृत का गुरुओं के परम प्रकाश का उपदेश सुनाएँ !!तीर्थ और त्योहारों में जीवन प्राणी का महत्व बताएं !!आसमान में रंग बिरंगी संस्कृति संस्कारों आशाओ की उड़ान का पतंग लहरायें मकर पोंगल विहु के मूल्यों का  राष्ट्र समाज में अलख जगाएं !!
(मकर विहु पोंगल की शुभकामनाये )
नन्दलाल मणि त्रिपाठी (पीताम्बर )


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