मुक्तक अवनीश त्रिवेदी"अभय"

अगर ये  जवानी  गुजर  गई  मिलेगी  नही।
फिर तो उर उपवन में कलियाँ खिलेगी नही।
आओ   हमराह  बनकर  ये  जीवन  गुजारे।
कभी तन्हा जीवन  में खुशियाँ  पलेगी  नही।
अवनीश त्रिवेदी"अभय"


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