-निकेश सिंह निक्की
जन्म:-2/11/1999
जन्म स्थान-खोकसा रसलपुर दलसिंहसराय समस्तीपुर बिहार
कृति:-अखण्ड भारत (काव्य संग्रह)
जागो पुनः एक बार (काव्य संग्रह)
जनक्रांति (काव्य संग्रह)
स्मृति के पार (कहानी संग्रह)
पति परमेश्वर (नाटक)
अवध के राम (महाकाव्य) अपूर्ण
प्रकाशित दीक्षा प्रकाशन दिल्ली
राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित।
सम्मान:-साहित्य गौरव सम्मान
हिंदी साहित्य अंचल मंच बिहार
काव्य गौरव सम्मान
मधुशाला साहित्यिक परिवार
उदयपुर राजस्थान
साहित्य सागर सम्मान
भारती साहित्य सागर मंच अररिया
साहित्य गौरव सारथी सम्मान
साहित्य संगम संस्मरण नयी दिल्ली।
भारत गाथा
जिस भारत के ज्ञान निधि में,
सकल विश्व नहलाता है।
खड़ी नालंदा बता रही है,
सकल विश्व ललचाता था।
जिसके आगे मैक्समूलर भी,
मां कह न फूल समाता था।
इतिसांग भी जिसके गुण को,
गाते ही थक जाता था।
जब जगत में फैला था,
तिमिर का व्यापक सम्राज्य।
तभी लिखकर छोड़ा भारत,
पावक का अनुपम इतिहास।
पढ़ना लिखना कोई न जाने,
सकल विश्व में कौन सिखावें।
छः शास्त्र नव ग्रन्थ के ज्ञाता,
सकल विश्व भारत को मानें।
कहे निकेश भारत की गाथा,
सकल विश्व में भाग्य विधाता।
देकर सकल विश्व को ज्ञान,
आज बनीं है स्वयं अंजान।
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