काव्यरंगोली नोजवान कविताये

नाम-दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश"
पता/DC-119/4, स्ट्रीट न.310
कलकत्ता-700156.
मोबाईल
 न.-9434758093


"काव्य रंगोली"
जीवन एक अनबुझ पहेली ,
इसमें भरी है काव्य रंगोली ।
जीवन से करो इतना प्यार ,
रंगोली में उतने रंग हजार ।
काव्य के है जैसे रंग हजार ,
जीवन उतना ही सुंदर संसार।
रंग रूप अनेक,अनेक भाषा बोली,
अनोखी है ये अपनी काव्य रंगोली।
संबंध है जितना गहरा दामन चोली,
उतनी ही शानदार है काव्य रंगोली।
छटा प्रकृति की ऋतु और हरियाली,
सब इसमें समायी है काव्य रंगोली ।
जीवन हो जाता अंधेर काली ,
होती नहीं यदि काव्य रंगोली ।
प्रेम, त्याग,मिलान ,विरह की लाली,
सुखमय जीवन जहाँ काव्य रंगोली।
माया,मोह,ममता,माता,पत्नी,साली,
सब रंग अपने में समेटे काव्य रंगोली।
व्रत,त्यौहार,ईद,दीवाली और होली ,
"दीनेश" मिले सब,जहाँ काव्य रंगोली।
आज विश्व हिंदी दिवस की लाली,
सब मिल के मनाए काव्य रंगोली।
दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश" कलकत्ता


शीर्षक-“नौजवान "
न मंदिर बनाएंगे ,न मस्जिद बनाएंगे 
बेघरों के लिए हम घर बनाएंगे
न गीता पढ़ेंगे , न कुरान पढ़ेंगे
भाईचारे का संदेश दे जो 
ऐसी कोई किताब पढ़ेंगे 
बेसहारों का सहारा बनेंगे 
भूखों को खाना खिलाएंगे 
हम नौजवान कुछ ऐसा करेंगे 
बुरी नजर से देखे अगर कोई 
हम उसकी  नजर झुका देंगे 
उसका इट का जवाब हम पत्थर से देंगे 
अब न किसी का सर कटने देंगे 
अब न किसी का सुहाग उजड़ने देंगे 
अब न किसी बलात्कारियों को बख्शेंगे
अब हम युवा कुछ ऐसा करेंगे 
निर्भया निर्भय होकर बेखौफ 
सड़कों पर विचरण करेगी
ऐसा वातावरण हम तैयार करेंगे 
हम युवा कुछ ऐसा करेंगे 
अब न उजड़ने देंगे दलितों की बस्तियाँ
अब न जलने देंगे दहेज की आग में बेटियां 
समाज के हर कुरीतियों को मिटायेंगे 
हम युवा कुछ ऐसा करेंगे 
ऊंच-नीच का कोई भेद न रहेगा
जाती-पाती का कोई खेलना न रहेगा 
हर तरफ अमन-चैन का राज रहेगा 
हम नौजवानों का ऐसा काज रहेगा 
छूत-अछूत का भेद सब  मिटा देंगे 
हम नौजवान कुछ ऐसा करेंगे 
देश का नाम रोशन करेंगे 
हम युवा कुछ ऐसा करेंगे
दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश"  कोलकाता


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