ओम अग्रवाल बबुआ ये देश धरा की माटी का

*चलते-चलते:0127*
*⚜ मेरा गाँव ⚜*
(धाराप्रवाह गीत) 


*ये देश धरा की माटी का।* 
*ये भारत की परिपाटी का।।* 
*ये संस्कार का दर्पण है।* 
*ये पावन पुण्य समर्पण है।।*
*ये धरती सोंधी मिट्टी की।* 
*ये धरती चोखा लिट्टी की।।*
*ये खेत और खलिहानों की।*
*ये धरती है अरमानों की।।* 
*ये मेघों की आशा है।* 
*ये जीवन की परिभाषा है।।*
*ये संघर्षों की धरनी है।*
*ये आदर्शों की जननी है।।* 
*ये नंग धड़ंगे बच्चों की।* 
*ये अन्तर्मन के सच्चों की।।* 
*ये धरती है हल वालों की।* 
*ये धरती बाल गोपालों की।।* 
*ये चाचा ताऊ भईया की।* 
*ये जीवन नाव खेवईया की।।* 
*ये मस्जिद और शिवालों की।*
*ये धरती मेहनत वालों की।।*
*ये धरती का रंग धानी है।*
*ये इन आँखों का पानी है।।* 
*ये मेघों से आस लगाती है।* 
*ये नेह से सींची जाती है।।* 
*ये टूटी फूटी राहों की।* 
*ये मेहनतकश के बाहों की।।* 
*ये पुण्य धरा का वंदन है।* 
*ये सचमुच छुधानिकंदन है।।* 
*ये धरती भाव अभावों की।* 
*ये धरती अपने गाँवों की।।* 


सर्वाधिकार सुरक्षित 
*🌹ओम अग्रवाल (बबुआ), मुंबई*


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