नाम : प्रखर दीक्षित
विधा : कविता (मुक्तक)
शीर्षक : जीवन
राज्य : फर्रुखाबाद, (उत्तर प्रदेश)
*मुक्तक*
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*जीवन*
जीवन के उस पार झांक लो तुम्हें किनारा मिल जाएगा।
जरा देखना दीन का जीवन पत्थर दिल भी हिल जाएगा।।
तिनका तिनका जो बिखरा है उसके दिल से प्रखर पूछना,
उसका घर भी बच जाएगा चिथडा जीवन सिल जाएगा।।
तिनका तिनका बिखरा जीवन आशाऐं दम तोड़ गयीं।
रिश्ते नाते आपनों का पन दुखद उदासी छोड़ गयी।।
एक सहारा बस पावक का श्मशान भूमि तक साथ करे
ये लाचारी भुखमरी ग़रीबी ख़ुशियों से मुँह मोड़ गयी।।
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