प्रिया सिंह लखनऊ दौलत,और शोहरत देख कर इमान बदल जाता है 

 


प्रिया सिंह लखनऊ


दौलत,और शोहरत देख कर इमान बदल जाता है 
ऐसे ही हमारे भारत का संविधान बदल जाता है 


बात जब जन्म-मरण तक पहुंचे धर्म के वास्ते 
लिखा हुआ विधि का विधान बदल जाता है


बात गर मुझ तक नहीं आई तो कोई बात नहीं 
बात अपने पर आ जाये तो इन्सान बदल जाता है


नियम कानून तो जानवर पर लागू होता था कभी
आज आदमी का यहां पर पहचान बदल जाता है 


आवाम का ताज तामीर-औ-तरक्की के लिए था 
पर देख, पोशाक यहाँ स्वाभिमान बदल जाता है 


 


 


Priya singh


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