प्यार का एकपल सुहाना लगता है

नाम - लक्षमण दावानी
पता - आई - 11 पंचशील नगर
         नर्मदा रोड़ जबलपुर म.प्र.
मो.न. - 9424708598
कविता - गज़ल


2122  2122  2122
प्यार का इक पल सुहाना चाहता हूँ
गम  मिटा कर  मुस्कराना चाहता हूँ


दूर  कर  के  अँधेरे अब ज़िन्दगी से
आसमाँ  पर  जग मगाना चाहता हूँ


ज़िन्दगी को दौड़ में जो खो दिया है
चैन   ओ   सुकून  पाना  चाहता  हूँ


दरमियाँ  है  फासला जो  भी हमारे
प्यार  से  अपने  मिटाना  चाहता हूँ


चुभे है  जो प्यार के नश्तर दिलों में
आँसुओ  से   वो  हटाना  चाहता हूँ


सौंप कर  पतवार  अब हाँथो में तेरे
पार  कस्ती  को  लगाना  चाहता हूँ


जो कियाहै खुदसे वादा हमने यारो
वो  मुहब्बत  से  निभाना चाहता हूँ
     ( लक्ष्मण दावानी ✍ )
20/4/2019


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