राजेंद्र रायपुरी।।  धोना पड़ेगा पाप को  

 


राजेंद्र रायपुरी।।


 धोना पड़ेगा पाप को  


हैरान    हूँ     ये    देखकर।
  हड़ताल  होती   देश   भर।
    जो देश ख़ातिर कुछ किया।
      इनको  लगे  क्यूँ  उससे डर।


है कुछ  समझ  में  आ रहा।
  क्यों  शूल   बोया  जा  रहा।
    जो  देश  हित कुछ कर रहा,
      इनको  नहीं   क्यूँ  भा  रहा।


इनको   सताए   डर   यही।
  फिर  लौट  आए  मत  यही।
    हैं   इसलिए   कहते   गलत,
      जो  बात  बिल्कुल  है  सही।


सोची  ये  समझी   चाल  है।
  इस  देश  में  जो  बवाल  है।
    जिसका न होना अहित कुछ,
      गुस्से  में   वो   ही   लाल  है।


होगा    समझना    आपको।
  इस  बेवजह  के  प्रलाप को।
    अब भी न  समझे  आप  तो।
      धोना    पड़ेगा    पाप    को।


             ।।राजेंद्र रायपुरी।


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