राजेंद्र रायपुरी।।  एक भजन  अब, आओ हे गिरधारी- -

 


राजेंद्र रायपुरी।।


 एक भजन 


अब, आओ हे गिरधारी- - - 
अब, आओ हे- -  गिरधारी।
कहती धरती, महतारी- - - - 
अब, आओ हे- -  गिरधारी।


तुम बिन सूना, वृंदावन है, 
तुम बिन सूना, वृंदावन है।
दर्शन को ये,व्याकुल मन है,
दर्शन को ये,व्याकुल मन है।
दर्शन दो ऐ, बंशी वाले- - -, 
दर्शन दो ऐ, बंशी  वाले- - -,
तृष्णा मिटे हमारी - - - - ।
अब, आओ हे- - गिरधारी- - - 
अब, आओ हे- - गिरधारी।


न वो वन है,न उपवन है- - - 
न वो वन है,न उपवन है- - - 
राह में फिरता,हर पशुधन है- - 
राह में फिरता, हर पशुधन है।
चारे खातिर, दर-दर भटकें- -,
चारे खातिर, दर-दर भटके- -,
गइयाँ तेरी सारी - - - - - -।
अब, आओ हे- - गिरधारी- - - 
अब, आओ हे- -  गिरधारी।


गली-मुहल्ले, हैं दु:शासन,
गली -मुहल्ले, हैं दु:शासन।
ये ही बैठे,ऊँचे आसन।
ये ही बैठे,ऊँचे आसन।
तत्पर हर पल,चीर रहन को,
तत्पर हर पल, चीर रहन को।
नहीं सुरक्षित नारी- - - - ,
अब,आओ हे- - गिरधारी- - -
अब, आओ हे- -  गिरधारी।


बढ़े हैं शकुनी, देश हमारे।
बढ़े है शकुनी, देश हमारे।
पासे फेंके, हर दिन सारे।
पासे फेंके, हर दिन सारे।
बढ़े, कलह- -आपस में निश दिन,
बढ़े, कलह- - आपस में निश दिन, 
करते ये, तैयारी - - - - - ,
अब,आओ हे- - गिरधारी- - -
अब, आओ हे- - गिरधारी।


एक नहीं, धृतराष्ट्र हजारो - - 
एक नहीं, धृतराष्ट्र हजारो।
चाह, हो गद्दी- -  पूत हमारो,
चाह, हो गद्दी- - पूत हमारो।
अँखियन पट्टी- -  बाँधे बैठी,
अँखियन पट्टी - - बाँधे बैठी,
गंधारी, महतारी  - - - - 
अब,आओ हे- - गिरधारी - - - 
अब आओ हे- - गिरधारी।


वचन,दिया था- -गीता में जो,
वचन,दिया था- -गीता में जो।
पूरा कर दो, हे गिरधर वो।
पूरा कर दो, हे गिरधर वो।
इतनी सी ही- -हे प्रभु मेरे - - 
इतनी सी ही- -हे प्रभु मेरे - - 
है अब, माँग हमारी - - - 
अब, आओ हे- -गिरधारी - - 
अब,आओ हे- -  गिरधारी।
   
           ।।राजेंद्र रायपुरी।।


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