राजेन्द्र रायपुरी।। कविता आँसू और मुस्कान
आँसू और मुस्कान,
ये ही तो हैं,जीवन की पहचान।
जब तक है ये ज़िंदगी,
ये दोनों रहेंगे।
मरने के बाद,
न आप हँस पाएँगे,
न आँसू बहेंगे।
आँसू,नहीं है केवल ग़म की निशानी।
खुशी में भी आ जाता है,आँखों में पानी।
यही तो है,
जो सुख-दुख में साथ निभाता है।
वर्ना मुस्कान तो,
ग़म में दूर भाग जाता है।
आँसू दिल के रास्ते आँखों तक आ जाते हैं,
और दिल की भावनाओं को बताते हैं।
जब कोई बिछड़ जाए अपना,
तो आँखों को भिगोते हैं,
और खुशी में,
भरे प्याले की तरह छलक जाते हैं।
।। राजेन्द्र रायपुरी।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें