🌹🌹 माँ सरस्वती से विनय 🌹🌹
माता देवी शारदा, विनती बारंबार।
मैं अज्ञानी मूढ मति, कर दे तू उद्धार।
माता तुझसे है विनय, दे दे थोड़ा ज्ञान।
कर पाऊँ दोहा सृजन, श्रेष्ठ कबीर समान।
चाह नहीं रहिमन बनूँ,या फिर तुलसीदास।
चाह नहीं कबिरा बनूँ, या मैं कालीदास।
चाह यही माँ लिख सकूँ, ऐसे छंद हजार।
जिनमें मिल जाए हमें, इस जीवन का सार।
।।राजेंद्र रायपुरी।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें