राजेंद्र रायपुरी  नया साल  न कोई न सुर न ताल है,

राजेंद्र रायपुरी


 नया साल  ::::::::


नया कोई न सुर न ताल है,
फिर कैसा ये नया साल है।
कल जैसा था वही हाल है,
फिर कैसा ये नया साल है।


वही  है नफ़रत की चिंगारी,
वही भुखमरी  और बेकारी।
जनता अब भी तो बेहाल है,
फिर  कैसा ये  नया साल है।


फटे  हाल  अब भी  स्कूल, 
कई  गाँव   शिक्षा   से  दूर।
शिक्षक का दयनीय हाल है,
फिर  कैसा ये नया साल है।


किस-किस का मैं करूँ बखान, 
हर   बात  न   आए  ज़ुबान।
नेताओं  की   वही   चाल  है,
फिर  कैसा  ये  नया  साल है।


             (राजेंद्र रायपुरी)


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