राजेंद्र रायपुरी।। सरिता की पुकार   देश  हमारे  हर  नदी, करती  यही  पुकार।

                ।।राजेंद्र रायपुरी।।


सरिता की पुकार  


देश  हमारे  हर  नदी, करती  यही  पुकार।
स्वच्छ रहें हम भी सदा,मिले हमें अधिकार।


कूड़ा- कचरा  डालकर, करो  नहीं  बर्बाद।
खेत  नहीं  हैं  हम  सुनो, डालोगे जो खाद।


प्रभु को जो अर्पित किया,नहीं बहाओ धार।
करें   प्रदूषित  ये  हमें,  पनपें  कीट  हजार।


किया  प्रदूषित  यदि  हमें, होगे  ही  बीमार।
सरिता जल हर जीव के, जीवन का आधार।


नारे  लिखने   से   नहीं,  स्वच्छ  बनेंगे  यार।
कार्य  रूप  परणित  करो,  विनती  बारंबार।


                ।।राजेंद्र रायपुरी।।


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