राष्ट्रीय बालिका दिवस अवनीश त्रिवेदी "अभय"
एक छंद प्रस्तुत है....
हर घर आँगन की, ये फुलवारी महके,
बेटी रूपी सुमन से, हमें सदा प्यार हो।
दो घरों की इज्जत हैं, ये बेटियाँ ही हमारी,
खुशबू से महकता, हर परिवार हो।
बेटियाँ नाम रौशन, जहाँ में करें अपना,
रौशनी से चमकता, ये सारा संसार हो।
हर माँ बाप इनको, पढ़ाए लिखाए ताकि,
ये बेटियाँ सबसे भी, ज़्यादा होशियार हो।
अवनीश त्रिवेदी "अभय
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