रंजना कुमारी वैष्णव केशव नगर , कविता दाँत का दर्द 

नाम- रंजना कुमारी वैष्णव 


 पता - 
केशव नगर ,
 वार्ड नम्बर -18 
पिन कोड - 341512


शीर्षक : दाँत का दर्द


 


सो रहे थे कई दिनों से...
किसने हमें जगाया ?
घेवर, जलेबी के रस से, 
किसने हमें ललचाया?
अब जाग ही गये है तो, 
भुगतो ,हे ! तुम भाया 
सो रहे थे कई दिनों से... 
किसने हमें जगाया? 


ना मानी हमारी मांगे... 
इसलिए ये आतंक मचाया, 
सुनो साथियों!  वार करो तुम ,
शुरू कर युद्धघोष, हड़ताल पर ले आया, 
सो रहे थे कई दिनों से ...
किसने हमें जगाया? 


खाना -पीना बंद कर देंगे तुम्हारा...
जब्बु जोंडिस को भी बुलवाया, 
घेर लेंगे सारा इलाका, 
केविटी का स्थान फरमाया,
सो रहे थे कई दिनों से... 
किसने हमें जताया? 


पता है कोशिश करोगे मारने की...
इसलिए रात-दिन दर्द जताया, 
हाँ!  उखड़वा लो दाँत सारे, 
हम तो शहीद हुए, भटकेगी अब काया,
सो रहे थे कई दिनों से... 
किसने हमें जगाया? 


पर मानव है,  हार ना माने... 
लो फिर डेंचर बनवाया, 
अब जोर से ना ही हँसना तुम, 
वरना पछताओगे, हाय! मीठा क्यू खाया? 
सो रहे थे कई दिनों से... 
किसने हमें जगाया?


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