रश्मि लता मिश्र बिलासपुर,सी,जी
मो 9009588889
रचना
प्यार की रीत
ह्रदय में समाया हुआ प्यार है ,
राधा का मीरा का संसार है ।
दीवानी मोहन की राधा यहाँ है,
वश ना चले चुप रहती जुबाँ है।
दिल पर नहीं अपने अधिकार है,
राधा का मीरा का संसार है।
मीरा ने भक्ति में जग को है छोड़ा,
दुनिया लगाती रही राह रोड़ा।
दुनिया दारी से क्या सरोकार है,
राधा का मीरा का संसार है।
हमने भी प्यार को निश्चल है जाना
वफा का है दूजा नाम दीवाना।
दीवानेपन पर ऐतबार है,
राधा का मीरा का संसार है ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें