रवि रश्मि 'अनुभूति 'मुंबई
दोहे
1) खुशियाँ लाये ज़िंदगी , बढ़ती रहे उमंग ।
सादा जीवन ही रहे , कोई रहे न तंग ।।
2 )
राहों पर चलते हुए , सहयोगी बन आज ।
खुशियाँ तुम बाँटो सदा , करना अब यह काज ।।
3 )
प्यारा होगा यह जहां , रखना तुम मन साफ़ ।
दे जो कष्ट कभी उसे , करना सदैव माफ़ ।।
4 )
ऐसे बीजी रोपिए , नेकी पौधा बोय ।
घमंड करता ही रहे , ऐसा कभी न होय ।।रवि रश्मि 'अनुभूति '
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