रीतु देवी"प्रज्ञा"
दरभंगा, बिहार
समर्पण
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समर्पित है माँ भारती तेरे चरणों जान,
वंदन कर नित्य तेरा बढाऊँ मान।
लालसा है रमी रहूँ तेरी गुणगान में
युगों -युगों तक चार चाँद लगा दूँ शान में
जीवन संवरे तेरी आँचल तले,
राष्ट्र कर्म पथ बढे पग अपना शनै:-शनै:।
नहीं है अभिलाषा पुष्पों सेज,
मिलती है खुशी संतोष भरी थालियाँ सजाकर मेज।
पन्ना-पन्ना रच दूँ गौरव गाथा,
अटल अचल रह रक्षा करूँ तेरा स्वर्णिम माथा।
तेरे सम्मान की जीजीविषा पलती हरक्षण मन मंदिर में
राष्ट्रद्रोही की सिर कलम कर बहा दूँ समंदर में
समर्पित है माँ भारती तेरे चरणों जान,
वंदन कर नित्य तेरी बढाऊँ मान।
रीतु देवी"प्रज्ञा"
दरभंगा, बिहार
22-01-2020
स्वरचित एवं मौलिक
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